*_वैशाख शुक्ल सप्तमी ( गंगासप्तमी ) पर भगवान श्रीचित्रगुप्तजी के प्रगटोत्सव/अवतरणदिवस की सम्पूर्ण भारत धूमधाम_* *_Waisakh Shukla Saptami (Gangasaptami) on the occasion of Lord Shri Chitraguptji's appearance/incarnation day all over India fanfare_*★★★★★★★★★★★*_💁🏻♂️आप हमारे सभी शोशल मीडिया ग्रुपो में भी जुड़ सकते है।इस लिकं के जरिये।आइकॉन बटन को टच करे,ओर ग्रुप को जाइन करे।इस लिक को👇🏾टच करे और हो जाये ग्रुप में ऐड👇🏾👇🏾👇🏾🙏🏽_*https://mhakalneewsindia.blogspot.com/2021/05/social-media-icon.html*_📕हमारे फेस बुक पर "(महाकाल न्यूज इंडिया,)" पेज से जुड़े,इसे 👍🏻लाईक व शेयर जरूर करे।💁🏻♂️👇🏽👇🏽🙏🏿_*https://www.facebook.com/vinit.kanungo.1
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*_वैशाख शुक्ल सप्तमी ( गंगासप्तमी ) पर भगवान श्रीचित्रगुप्तजी के प्रगटोत्सव/अवतरणदिवस की सम्पूर्ण भारत धूमधाम_*
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*ॐ श्री चित्रगुप्ताय नमः*
*ब्रह्माजी जी द्वारा 11000 हजार करोड़ वर्ष की तपस्या करने के उपरांत परात्पर परब्रम्ह भगवान श्री चित्रगुप्तजी मध्यप्रदेश के अवंतिका खंड में माँ क्षिप्रा के तट पर ब्रम्हा जी को दिव्य दर्शन हुए थे।जहां देश मे गंगा अवतरण की धूम है वही आज भगवान श्रीचित्रगुप्त जी की उत्पत्ति का भी दिन है * 🙏
उज्जैन में ही *पौराणिक चित्रगुप्त मंदिर* भी हैं जहाँ *प्रसाद* के रूप में *कलम, दवात* चढ़ाया जाता है जिससे प्रसन्न होकर श्री चित्रगुप्त भगवान अपने भक्तो को मनवांछित फल प्रदान करते हैं, साथ ही *कायस्थ* के *चार तीर्थो* में उज्जैनी नगरी में बसा श्री चित्रगुप्त भगवान का ये मंदिर *पहले नंबर* पर आता है।जहाँ भगवान श्रीचित्रगुप्तजी प्राकट्योत्सव वैसाख सप्तमी को आदिकाल से मनाने की प्रथा जारी है उज्जैन में जहाँ भगवान श्रीचित्रगुप्त जी की जनदर्शनयात्रा, महाआरती, व कुटुंब रसोई का कार्यक्रम है वही इंदौर व भोपाल में पूजा,महाआरती,छप्पन भोग का कार्यक्रम रखा गया है वही ब्यावरा (राजगढ़),नरसिंहगढ़ में नगर में चल समारोह,1000 दीपो से महाआरती, महा प्रसाद की व्यवस्था की गई इसके अलावा झूंसी, प्रयागराज,बाँदा,हमीरपुर आदि महानगरों का प्रकट उत्सव देखने लायक है वहाँ चित्रांशोत्सव,महाआरती, महासभा आदि कार्यक्रम की धूम रहेंगी, सूत्रों से मिली रिपोर्ट के अनुसार टीकमगढ़, छतरपुर,खजुराहो सतना, रीवा, पन्ना,छिंदवाड़ा गुना,ग्वालियर, शिवपुरी, भिंड,मुरैना, झांसी ललितपुर में मध्यप्रदेश के समस्त शहर के साथ ही साथ पूरे राजस्थान,छत्तीसगढ़,महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, यूपी बिहार के अधिकांश जगहो पर भगवान श्री उत्सव मनाया जा रहा है राजनांदगांव में 3 दिन पहले से रंगारंग कार्यक्रम व प्रगटोत्सव मनाया जा रहा है, पाप का समूल नाश के लिये व मनोवांछित फल की प्राप्ति हेतु भगवान श्री चित्रगुप्तजी की आराधना/पूजा, आरती प्रत्येक मनुष्य के लिए आवश्यक है पद्मपुराण अनुसार माँ गंगा की प्रेरणा से गंगापुत्र देवव्रत भीष्म द्वारा तपस्या पूजा की गई, फलस्वरूप वैशाख शुक्लसप्तमी को भगवान श्रीचित्रगुप्त द्वारा प्रगट होकर आशीर्वाद दिया व इच्छा मृत्यु का वरदान मिला व श्रीचित्रगुप्त द्वारा अजेयता हेतु पशुपतास्त्र शस्त्र प्रदान किया गया ! तभी से भगवान चित्रगुप्त जी प्रगटउत्सव/अवतरण दिवस/चित्रगुप्त जयंती/चित्रांशोत्सव वैशाख शुक्ल पक्ष सप्तमी (गंगासप्तमी) पर मनाने की प्रथा अनवरत चालू है 🙏
इस दिन प्रत्येक मनुष्य को पूरी श्रद्धा,मनोयोग से भगवान श्री चित्रगुप्तजी व मां गंगा की आराधना निश्चित ही करना चाहिए जिससे कि परिवारिक, सामाजिक,संकट दूर हो !व सम्पूर्ण भारत समृद्धिशाली व शक्तिशाली बन सके !
राजस्थान के अधिकांश शहरों व मंदिरों में विगत कई वर्षों से लगातार 100 कायस्थ संस्थाओं द्वारा मिलकर सामूहिक रूप वैशाख शुक्ल पक्ष सप्तमी (गंगासप्तमी ) पर श्री चित्रगुप्त भगवान का प्रकटउत्सव/चित्रगुप्त जयंती साप्ताहिक पखवाड़े के रूप 7 दिन तक निरंतर मनाया जाता है जिसमे सांस्कृतिक व सामाजिक कार्यक्रम,दीपदान,महाआरती, छप्पन भोग,कुटुंब महाप्रसादी आदि आस्था व श्रद्धापूर्वक सामूहिक रूप से मनाया जाता है यह पूरे भारत मे अद्वितीय व अनुकरणीय है !वैशाख मास में भगवान श्री चित्रगुप्त व धर्मराज की कथा सुनने एवं पूजा करने से *स्वर्गलोक* की प्राप्ति होती है!!
आचार्य विनीत कानूनगो 【म,प्र,धार】 व राजेश कुमार खरे,पटवारी ( राजगढ़ )मध्यप्रदेश
*_Waisakh Shukla Saptami (Gangasaptami) on the occasion of Lord Shri Chitraguptji's appearance/incarnation day all over India fanfare_*
*Om Shri Chitraguptay Namah*
After doing austerity of 11000 thousand crore years by Brahmaji, Paratpar Parabrahma Lord Shri Chitraguptji had divine darshan to Brahma Ji on the banks of Mother Kshipra in Avantika section of Madhya Pradesh. It is also the day of origin * 🙏
In Ujjain itself, there are also *mythical Chitragupta Temples* where *pen, dawat* are offered in the form of *prasad*, due to which Shri Chitragupta Bhagwan gives desired fruits to his devotees, as well as *four pilgrimages of *kayastha*. This temple of Lord Shri Chitragupta, situated in the city of Ujjaini, comes on *first number*. Where the practice of celebrating Lord Shri Chitraguptji Praktyotsav Vaisakh Saptami continues since time immemorial. The same program of worship, Maha Aarti, Chappan Bhog has been kept in Indore and Bhopal, the same ceremony in Biaora (Rajgarh), Narsinghgarh. The manifest festival of the metropolis is worth seeing, there will be a lot of programs like Chitranshotsav, Maha Aarti, Mahasabha etc. According to the reports received from sources, Tikamgarh, Chhatarpur, Khajuraho, Satna, Rewa, Panna, Chhindwara Guna, Gwalior, Shivpuri, Bhind, Morena, Jhansi in Lalitpur The entire city of Madhya Pradesh as well as the entire Rajasthan, roof Tisgarh, Maharashtra, Andhra Pradesh, UP: Lord Shri Utsav is being celebrated in most of the places of Bihar. A colorful program and celebration is being celebrated in Rajnandgaon since 3 days in advance, for the complete destruction of sins and for the attainment of desired results. Worship / Worship, Aarti is necessary for every human being, according to Padma Purana, Gangaputra Devavrat Bhishma performed penance worship with the inspiration of Mother Ganga, as a result, Vaishakh Shukla Saptami was blessed by Lord Srichitragupta and got the boon of death and Pashupatastra for invincibility by Srichitragupta. Weapons provided! Since then the practice of celebrating Lord Chitragupt ji's manifest festival/Avataran Divas/Chitragupta Jayanti/Chitransotsav on Vaishakh Shukla Paksha Saptami (Gangasaptami) is continuing.
On this day, every person should definitely worship Lord Shri Chitraguptji and Mother Ganga with full devotion, so that family, social, crisis can be overcome! And whole India can become prosperous and powerful!
In most of the cities and temples of Rajasthan, for the last several years, together with 100 Kayastha organizations collectively, on Vaishakh Shukla Paksha Saptami (Gangasaptami), Shri Chitragupta's manifest festival / Chitragupta Jayanti is celebrated continuously for 7 days in the form of weekly fortnight, in which cultural and social Programs, Deepdan, Maha Aarti, Chappan Bhog, Kutumb Mahaprasadi etc. are celebrated collectively with faith and reverence, it is unique and exemplary in the whole of India! By listening and worshiping the story of Lord Shri Chitragupta and Dharmaraja in the month of Vaishakh, the attainment of heaven. it occurs!!
Acharya Vineet Kanungo M, Pra, Dhar and Rajesh Kumar Khare, Patwari (Rajgarh) Madhya Pradesh
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