रिपोर्ट नयी दिल्ली से, सोमवार 11 जनवरी 2021 की।सुप्रीमकोर्ट ने केंद्र सरकार को दी चेतावनी, कहा-आंदोलन में किसानों की जान जा रही है, ऐसे में सरकार कानूनों पर रोक लगाएगी या फिर कोर्ट ही आदेश जारी करे।सुप्रीमकोर्ट ने आर एम. लोढा सहित सभी पूर्व सी,जे,आई,के नाम समिति के अध्यक्ष पद के लिये सुझाव दिया।
सोमवार 11 जनवरी सुप्रीमकोर्ट की केंद्र सरकार को फटकार, कहा-आंदोलन में किसानों की जान जा रही है, ऐसे में सरकार कानूनों पर रोक लगाएगी या फिर कोर्ट ही आदेश जारी करे
सुप्रीमकोर्ट ने आर,एम. लोढा सहित सभी पूर्व सी,जे,आई के नाम समिति के अध्यक्ष पद के लिये सुझाये।
सुप्रीमकोर्ट ने सोमवार11जनवरी को किसान आंदोलन की याचिकाओं की सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को जमकर फटकार लगायी। कोर्ट ने कहा कि आंदोलन में किसानों की जान जा रही है, ऐसे में सरकार अभी इन कानूनों पर रोक लगाएगी या फिर अदालत ही आदेश जारी करे। कोर्ट के द्वारा कहा कि नये कृषि कानूनों को लेकर जिस तरह से सरकार और किसानों के बीच बातचीत चल रही है, उससे हम बेहद निराश हैं। सुप्रीमकोर्ट ने आर, एम, लोढा सहित सभी पूर्व (si, je, aae,) के नाम कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के जारी प्रदर्शन के समाधान खोजने वाली समिति के अध्यक्ष पद के लिए दिए।
साथ ही चीफ जस्टिस बोबडे के द्वारा कहा गया,‘ मैं यह कहने का खतरा उठाना चाहता हूं, कि प्रदर्शन कर रहे किसान अपने घरों को लौटें। हम, हमारे द्वारा नियुक्त की जाने वाली समिति के माध्यम से कृषि कानूनों की समस्या का समाधान के लिए आदेश पारित करने का प्रस्ताव कर रहे हैं । सुप्रीमकोर्ट ने साथ ही कहा कि हमें यह कहते हुए बेहद खेद है,कि केन्द्र किसानो की समस्या और किसान प्रदर्शन का समाधान नहीं कर पायी।
कोर्ट सुनवाई के दौरान कहा कि हम फिलहाल इन कृषि कानूनों को निरस्त करने की बात नहीं कर रहे हैं, यह एक बहुत ही नाजुक स्थिति है।
ओर चीफ जस्टिस ने बताया कि हमारे पास ऐसी एक भी दलील नहीं आई जिसमें इस कानून की तारीफ हुई हो। अदालत में यह भी कहा गया कि हम किसानो के मामले के एक्सपर्ट नहीं हैं, लेकिन क्या आप इन कानूनों को रोकेंगे या हम कदम उठाएं. हालात लगातार लगातार खराब होते जा रहे हैं, किसान लोग मर रहे हैं,ओर इस कड़ाके की ठंड में अपने घरों से बहार बैठे हैं। साथ ही उन के खाने, पानी का कौन ध्यान रख रहा है?
साथ भी यह भी कहा कि ‘हमें नहीं पता कि आप समाधान का हिस्सा हैं,या समस्या का’ क्यो की किसान ओर सरकार के बीच कोई हल नही निकल पा रहा है।
सुप्रीमकोर्ट ने कहा, ‘क्या' चल रहा है। राज्य आपके कानूनों के खिलाफ बगावत कर रहे हैं। हमें नहीं पता कि आप समाधान का हिस्सा हैं, या समस्या का।’ सुप्रीमकोर्ट के द्वारा यह भी कहा गया कि वह चाहता था कि बातचीत के जरिए मामले का हल निकले, लेकिन कृषि कानूनों पर फिलहाल रोक लगाने को लेकर केन्द्र की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। सरकार की ओर से अदालत में कहा गया कि इस तरह से किसी कानून पर रोक नहीं लगाई जा सकती है। इस प्रक्रिया पर सुप्रीम कोर्ट अदालत ने कहा कि हम सरकार के इस रवैये से खफा हैं, और हम इस कानून को रोकने की हालत में हैं।
सुप्रीम कोर्ट अदालत ने यह भी कहा कि अब किसान अपनी समस्या कमेटी को ही बताएंगे। कोर्ट ने कृषि कानूनों को लेकर समिति की आवश्यकता को दोहराया और यह कहा कि अगर समिति ने सुझाव दिया तो, वह इसके क्रियान्वयन पर रोक लगा देगा। कोर्ट ने कहा कि हम एक्सपर्ट कमेटी बनाना चाहते हैं, तब तक सरकार इन कानूनों को रोके वरना हम एक्शन लेंगे।
इस प्रकार की प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट के द्वारा व्यक्त की गई है।
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